निमाड़ी गणगौर झालरियों गीत बेगा आओनी... गउर बाई
बेगा आओनी... गउर बाई
निमाड़ी गणगौर झालरियों गीत
गायिका मेघा परसाई एवं बादल जोशी
लेखक: पंडित जवाहर जोशी
चैत्र मास आते हीं निमाड़ एवं मालवा प्रांत में माॅं गणगौर की तैयारियां शुरु हो जाती है। गणगौर माॅ पार्वती एवं धनियार राजा मतबल देवों के देव महादेव जिनकी आराधना पुरा निमाड़ एवं मालवा करता है। मां गणगौर राजा दक्ष प्रजापति की लड़की है । दक्ष प्रजापति को अन्य प्रजापतियों के समान ब्रम्हा जी ने अपने मानस पुत्र के रुप में उत्पन्न किया था। दक्ष प्रजापति का विवाह स्वायम्भुव मनु की तृतीय कन्या प्रसूति के साथ हुआ था । दक्ष राजाओं के देवता थे
दक्ष प्रजापति ने बहुत कडी तपस्या की भी उनके यहां पर कन्याओं का जन्म हुआ जिनमें कन्याओं के नाम इस प्रकार है ।
1 गौर बाई
2 सईत बाई
3 रनुबाई
4 रोयण बाई
जिसके पश्चात गौर बाई (माता सती) ने भगवान शिव कों पति रुप में पाने के लिए बहुत तपस्या की और वह इस तपस्या में सफल रहीं । भगवान शिवजी के साथ उनका विवाह हुआ।
आज भी निमाड़ आंचल में कुवारी कन्याएं अपना मन पसंद वर पाने के लिए गणगौर की पुजा करती है।
निमाड़ी गणगौर झालरियों गीत
गायिका मेघा परसाई एवं बादल जोशी
लेखक: पंडित जवाहर जोशी
चैत्र मास आते हीं निमाड़ एवं मालवा प्रांत में माॅं गणगौर की तैयारियां शुरु हो जाती है। गणगौर माॅ पार्वती एवं धनियार राजा मतबल देवों के देव महादेव जिनकी आराधना पुरा निमाड़ एवं मालवा करता है। मां गणगौर राजा दक्ष प्रजापति की लड़की है । दक्ष प्रजापति को अन्य प्रजापतियों के समान ब्रम्हा जी ने अपने मानस पुत्र के रुप में उत्पन्न किया था। दक्ष प्रजापति का विवाह स्वायम्भुव मनु की तृतीय कन्या प्रसूति के साथ हुआ था । दक्ष राजाओं के देवता थे
दक्ष प्रजापति ने बहुत कडी तपस्या की भी उनके यहां पर कन्याओं का जन्म हुआ जिनमें कन्याओं के नाम इस प्रकार है ।
1 गौर बाई
2 सईत बाई
3 रनुबाई
4 रोयण बाई
जिसके पश्चात गौर बाई (माता सती) ने भगवान शिव कों पति रुप में पाने के लिए बहुत तपस्या की और वह इस तपस्या में सफल रहीं । भगवान शिवजी के साथ उनका विवाह हुआ।
आज भी निमाड़ आंचल में कुवारी कन्याएं अपना मन पसंद वर पाने के लिए गणगौर की पुजा करती है।
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