नागलवाड़ी म झंडो तुन गाड़ी दियो रे
बाबा भिलट को नाम - जग म गाजी रयो रे
सतपुड़ा की वादी म, भ्रमण कर नागराज ।
अटल राज महाराज का - की शोभा देखो आज ।।
नागलवाड़ी गांव है - बसे सतपुड़ा का पास ।
दिन दुखीया जो भी जावे - पुरण कर सब आस ।।
बांझन घर झोळे बंधी - जिन सुख की नवाड़ी डाळ ।
किन्नर न भी आस लगै तो - पेट फाड़ी दियों लाल ।।
नागलवाड़ी म झंडो तुन गाड़ी दियो रे
बाबा भिलट को नाम - जग म गाजी रयो रे ।। नागळवाड़ी म झंडो।।
वासुकी को अवतार कवायो - राणा जो वंश म जनम है पायो
राणा रेलण का घर म कसो राजी हुयो रे ।। बाबा भिलट ।।
पुर्वी निमाड़ म गांव रोळगांव - मंदीर बणेल छे नदी की धांव
माय मैदा झुलाव झुलो बांधी दियो रे ।। बाबा भिलट ।।
सारा निमाड़ म नाव तुम्हारो - जो सुमर होय वारो निवारो
हो... नागलवाड़ी म साज कसो साजी रयो रे ।। बाबा भिलट ।।
उच्च शिखर पर धाम तुम्हारो - घोड़ा सवारी कर लग बड़ो प्यारो
हो... थारा नाव को डंको कसो बाजी रयो रे ।। बाबा भिलट ।।
बाबा भिलट को नाम - जग म गाजी रयो रे
सतपुड़ा की वादी म, भ्रमण कर नागराज ।
अटल राज महाराज का - की शोभा देखो आज ।।
नागलवाड़ी गांव है - बसे सतपुड़ा का पास ।
दिन दुखीया जो भी जावे - पुरण कर सब आस ।।
बांझन घर झोळे बंधी - जिन सुख की नवाड़ी डाळ ।
किन्नर न भी आस लगै तो - पेट फाड़ी दियों लाल ।।
नागलवाड़ी म झंडो तुन गाड़ी दियो रे
बाबा भिलट को नाम - जग म गाजी रयो रे ।। नागळवाड़ी म झंडो।।
वासुकी को अवतार कवायो - राणा जो वंश म जनम है पायो
राणा रेलण का घर म कसो राजी हुयो रे ।। बाबा भिलट ।।
पुर्वी निमाड़ म गांव रोळगांव - मंदीर बणेल छे नदी की धांव
माय मैदा झुलाव झुलो बांधी दियो रे ।। बाबा भिलट ।।
सारा निमाड़ म नाव तुम्हारो - जो सुमर होय वारो निवारो
हो... नागलवाड़ी म साज कसो साजी रयो रे ।। बाबा भिलट ।।
उच्च शिखर पर धाम तुम्हारो - घोड़ा सवारी कर लग बड़ो प्यारो
हो... थारा नाव को डंको कसो बाजी रयो रे ।। बाबा भिलट ।।
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