निमाड़ी आदिवासी लोकगीत | नवरात्री निमाड़ी गरबी | अबोला म मरी जाऊंगा
सौत बेंधड़ म पड़ी गया झगड़ो, #अबोला म मरी जाऊंगा
मरी जाऊंगा मक नई मत छेड़ो, अबोला म मरी जाऊंगा
निर्दय मक घर मिल्यो, नै उड़ाई मन मौज,
मन की मन म कुड्या करू, जलया करू दिन रात
म्हारो स्वामी चल नई टेड़ो टेड़ो, अबोला म मरी जाऊंगा
कुवा पर पानी गई, सखियाँ म्हारी साथ
गुस्सा म्हारा तन म, कोई क नई कई मन वात
घर जाऊ तो उतार कुन बेड़ो, अबोला म मरी जाऊंगा
हितु भाई सब मिलके समझावे हर बार
दुई बैरव का फंद म, समझ पड़ नी करतार
दुई बैरव का फंद क तोड़ो, अबोला म मरी जाऊंगा
नव दुर्गा की रात म, गरबी कीवी तैयार
सौत बेंधड़ का झगड़ा म, आदमी हुयो लाचार
नाथ छगनलाल कहे हाथ जोड़ी , अबोला म मरी जाऊंगा
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